jay Maharana Jay Rajputana
श्री महाराणा प्रताप जी की जयंती पर उनके चरणों में समर्पित चन्द पंक्तिया .... चेतक पर चढ़ जिसने , भाला से दुश्मन संघारे थे... मातृ भूमि के खातिर , जंगल में कई साल गुजारे थे... झुके नही वह मुगलोँ से,अनुबंधों को ठुकरा डाला... मातृ भूमि की भक्ति का, नया प्रतिमान बना डाला... हल्दीघाटी के युद्ध में, दुश्मन में कोहराम मचाया था... देख वीरता राजपूताने की , दुश्मन भी थर्राया था... बलिदान पर राणा के, भारत माँ ने, लाल देश का खोया था... वीर पुरुष के देहावसान पर, अकबर भी फफक कर रोया था... भारत माँ का वीर सपूत, हर हिदुस्तानी को प्यारा हे... कुँअर प्रताप जी के चरणों में, सत सत नमन हमारा हे... baddaybhaiya.blogspot.com