आदरणीय नमस्कार, पश्चात आज सम्पूर्ण संसार की.२०५- राष्टरूपी देशों में से लगभग.१९८.राष्टों में से कोरोनारूपी वैश्विकमहामारी बीमारी का भयाभह-भयानक-भयाक्रांत--- मृत्युरूपी ताडंव प्रकृतिरूपी मार का हाहाकार मचा हुआ है। कोरोनारूपी काल मानव-जाति को निगलने के लिऐ बेतहासा दृतुगामी गति से अपना ग्रास बनाने के लिऐ बडी़ ही कठोर निर्ममता से आगे बढ़ रहा। जिसका विकल्प रूपी ईलाज दुनिया में नहीं है।पश्चात हमारे राष्टके समरसता से ओत-प्रोत राष्टभक्त-कर्मयोगी अद्म्य परिश्रमी-२४.घंटे राष्टचिंतन मंथन में सराबोर प्रधानसेवक-प्रधानमंत्री जी ने हम आपसबसे विषम कठिन परीक्षा की घड़ी में आवाह्नन किया है।कि हम आप-सब २१.दिवस तक अपने ही घर में रहकर,स्वयं की परिवार की राष्ट की रक्षा हितार्थ घर से बाहर रोड पर ना निकलें। व सरल,सहज मंत्रों का पालन करते हुए, अपने हाथों को दिन में १५से२०.बार साबुन-हेंड़वाश से अवश्य ही धोऐं। सामने वाले व्यक्ति से ०५.फीट के अंतर से बात करें।व घर से बाहर ना निकलें।पश्चात हम राष्टवासियों का धर्मरूपी फर्ज बनता है।कि हम आपसब परमात्मा से उनके उत्तम -स्वास्थ्य चिरस्थाई ...